Political Party: किसी राजनीतिक दल में शामिल होने का तरीका: किसी भी पॉलीटिकल पार्टी को इलेक्टोरल सहयोग से दान दिया जा सकता था। लेकिन अब इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगा दी गई है। लोग अब किसी राजनीतिक पार्टी में दावा कैसे करें?राजनीतिक दल अब इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने के बाद चंदे के लिए कई अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। अब उन तरीकों का अध्ययन करेंगे।
Political Party में दान कैसे दे?
किसी भी पॉलिटिकल पार्टी में इलेक्टोरल सहयोग से दान किया जा सकता है। लेकिन चुनाव बोनस क्या है?
आजकल electoral bond का मुद्दा बहुत चर्चा में है। राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बांड से मिलने वाले चंदे पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है और अब पूरी जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश दिया गया है। यह लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को भारी चोट है। अब राजनीतिक दलों को चुनाव बोनस के अलावा चंदा कैसे दिया जा सकता है? क्या दूसरा रास्ता है अगर कोई अपनी पसंदीदा पार्टी को बदनाम करना चाहता है?
जब तक सरकार ने चंदा को लेकर कोई नया कानून नहीं बनाया है, तब तक पॉलिटिकल पार्टी को चंदा देने के पुराने तरीके को ही अपना सकते हैं। राजनीतिक दल इसके लिए चेक दे सकते हैं। जो जानकारी चुनाव आयोग को दी जानी चाहिए। इसके अलावा, राजनीतिक दल वेबसाइट के माध्यम से चंदा भी ले सकते हैं, जिसके लिए उन्हें आवश्यक जानकारी प्रदान करनी होगी। पहले किसी पार्टी को गुमनाम चंदा दिया जाता था।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब किसी भी पार्टी को चंदा देने से पहले उसे पूरी जानकारी देनी होगी, जिसमें किस पार्टी को चंदा दिया जा रहा है और कितनी राशि दी जा रही है।
अमित शाह ने दिया चंदा
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव बांड पर प्रतिबंध लगाने के कुछ दिन बाद बीजेपी को दो हजार रुपये का दान दिया। इसके अलावा, उन्होंने देश भर के लोगों से सहयोग की अपील की है। आप अपनी पसंद की पार्टी में शामिल होकर उसे चंदा दे सकते हैं। इसके अलावा, कई दल चेक बुक से चंदा इकट्ठा करते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड की तरह ये चंदा लाखों करोड़ों में नहीं होता है। यह क्राउड फंडिंग कहलाता है।
फिर भी, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को चुनावी चंदे की जानकारी किसी भी समय देनी होगी। Electoral Bond इसके बाद इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा।
किस पार्टी को कितना चंदा मिला?
रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2018 से जुलाई 2023 के बीच कई राजनीतिक दलों को 13,000 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। . रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2022 के बीच 9,208 करोड़ रुपये के चुनावी बांड बेचे गए, जिसमें भाजपा ने कुल धन का 58% हासिल किया था।
जनवरी 2023 में चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, चार राष्ट्रीय राजनीतिक दलों (भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने 2021 और 2022 में चुनावी बांड से कुल आय का 55.09 प्रतिशत या 1811.94 करोड़ रुपये इकट्ठा किया। 2021–2022 में चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा ने दान का बड़ा हिस्सा प्राप्त किया, जिसके बाद कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इसका पीछा किया।
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